
पांडुकेश्वर से बद्रीनाथ पहुंची शंकराचार्य की गद्दी और उत्सव डोली: 27 अप्रैल को खुलेंगे धाम के कपाट
Uttarakhand: 22 अप्रैल को गंगोत्री – यमुनोत्री और 25 अप्रैल केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओ के खोल दिए गए। वहीं चारधाम यात्रा के अंतिम पड़ाव बदरीनाथ के कपाट 27 अप्रैल को खोलने जा रहे है। जिसके चलते आज बुधवार को योग बदरी पांडुकेश्वर से गाडू घड़ा तेल कलश,आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी सहित देवताओं के खजांची कुबेर एवं भगवान के सखा उद्धव की डोलियां योग ध्यान बद्री पांडुकेश्वर से हर्षोंल्लास के साथ सुरक्षित बद्रीनाथ धाम में पहुंची।
ऐसी मान्यता है कि बैकुण्ठ धाम के कपाट शीलकाल के लिए बंद होने के पश्चात विष्णु भगवान के प्रतिनिधि उद्धव एवं खजांची कुबेर योग ध्यान बद्री पांडुकेश्वर में प्रवास करते हैं।
बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को प्रात: 7 बजकर 10 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। जिसकी तैयारियां शुरू हो गई हैं। मंगलवार सुबह नौ बजे से नृसिंह मंदिर परिसर में बदरीनाथ के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी और धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने संकल्प पूजाएं संपन्न की। इसके बाद सुबह साढ़े 10 बजे आर्मी की बैंड धुनों के साथ रावल के साथ ही अन्य वेदपाठी, गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी को पांडुकेश्वर पहुंचे। वहा से आज बुधवार को पांडुकेश्वर से कुबेर और उद्धव की उत्सव डोली भी बदरीनाथ धाम पहुंची। धाम पहुंचने के बाद आगे प्रक्रिया शुरू की गयी।