
सीएम ने वन्यजीव हमले में मुआवजा बढ़ाने के प्रस्ताव पर लगाई मुहर; अब मिलेगा इतना मुआवजा….
उत्तराखंड: वन्यजीवों के हमले में मृत्यु अथवा घायल होने पर मुआवजा राशि बढ़ाने के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में मुहर लग गई। वहीं विश्व प्रसिद्ध शिकारी एवं संरक्षणवादी जिम कार्बेट की याद में राज्य में ट्रेल बनाने, राजाजी टाइगर रिजर्व के अंतर्गत चौरासी कुटी को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने को भी बोर्ड की हरी झंडी मिली है। पर्यटन विभाग इनके प्रस्ताव बनाएगा।
शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में हुई राज्य वन्यजीव बोर्ड की बैठक में यह निर्णय लिया गया। अभी तक मृत्यु पर 4 लाख के मुआवजे का प्रविधान है। जो बढाकर 6 लाख दी जाएगी। वहीं घायलों के मामले में भी मुआवजा राशि 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख करने का निर्णय लिया गया है। इसके अलावा संरक्षित क्षेत्रों के एक किमी की परिधि में ईको सेंसिटिव जोन से सम्बंधित मामले में सरकार सुप्रीम कोर्ट में एसलपी दाखिल करेगी। इसके साथ ही जौलीग्रांट (देहरादून) एयरपोर्ट के विस्तारीकरण, कार्बेट टाइगर रिजर्व में जिम कार्बेट ट्रेल, चौरासी कुटी को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने समेत कई बिंदुओं पर बैठक में निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें इकोलॉजी और इकोनॉमी में संतुलन बनाकर आगे बढ़ना है। पर्यावरण संतुलन के साथ ही विकास पर ध्यान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए मिशन लाइफ का जो मंत्र दिया है, उनका अनुसरण कर हमें आगे बढ़ना है। जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाए। जलवायु परिवर्तन के शमन की दिशा में हमें प्रभावी प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि आज बैठक में जो निर्णय लिये गये हैं, अगली बैठक में इन निर्णयों पर कार्य प्रगति की पूरा ब्योरा प्रस्तुत किया जाए।
वही, वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जगंलों को बचाने के लिए जन सहयोग बहुत जरूरी है। वनों से लोगों की आजीविका बढ़ाने की दिशा में और प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड वन सम्पदाओं वाला राज्य है। पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्तराखण्ड की जिम्मेदार और बढ़ जाती है। प्रदेश में पिछले 05 सालों में हिम तेन्दुओं की संख्या 86 से बढ़कर 121 हो गई है।
बैठक में विधायक रेनू बिष्ट, राम सिंह कैड़ा, श्री अलिन नौटियाल, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस.संधु, प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक विनोद कुमार सिंघल, मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक उत्तराखण्ड डॉ. समीर सिन्हा, एडीजी वी. मुरूगेशन एवं उत्तराखण्ड राज्य वन्यजीव बोर्ड के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।