
मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकथाम के लिए सरकार कर रही एक्शन प्लान की तैयारी; आये दिन बढ़ रही जानवरों के हमलों की घटनाएं
उत्तराखंड: प्रदेश में आजकल मानव-वन्यजीव संघर्ष सरकार की परेशानी का सबक बना हुआ है। बीते कुछ दिनों मे जिलों में गुलदार के हमलों में चार व्यक्तियों की जान जा चुकी है, और कई लोग घायल हो चुके है। सरकार अब इस संघर्ष की रोकथाम को राज्य स्तरीय एक्शन प्लान तैयार करा रही है।
इसी कड़ी में वन मुख्यालय में अलग से गुलदार प्रकोष्ठ बनाया जाएगा। यह प्रकोष्ठ गुलदारों के बढ़ते हमले और इनके व्यवहार में बदलाव के दृष्टिगत निरंतर अध्ययन करेगा। साथ ही इस समस्या के निदान को उपाय सुझाएगा। इसके आधार पर क्षेत्र विशेष के लिए सूक्ष्म कार्ययोजना तैयार कर उसे धरातल पर उतारा जाएगा, ताकि गुलदार के हमलों में कमी लाई जा सके।
प्रदेश में वर्ष 2020 से अब तक देखा जाए तो वन्यजीवों के हमलों में 166 व्यक्तियों की जान जा चुकी है, जबकि 641 घायल हुए हैं। इनमें भी गुलदार के हमलों में सर्वाधिक 66 व्यक्तियों की जान गई, जबकि 186 घायल हुए हैं।
अभी तक इस संघर्ष की रोकथाम को कदम अवश्य उठाए गए, लेकिन ये नाकाफी साबित हुए हैं। इस सबको देखते हुए सरकार अब इस दिशा में गंभीरता के साथ कदम उठाने जा रही है।
वन मंत्री सुबोध उनियाल के निर्देश पर मानव-वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए राज्य स्तरीय एक्शन प्लान तैयार करने को लेकर शासन और विभाग स्तर पर कार्य चल रहा है। राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डा समीर सिन्हा के अनुसार एक्शन प्लान में दीर्घकालिक व अल्पकालिक कार्य शामिल किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि गुलदार के हमले अधिक बढ़े हैं। इसे देखते हुए वन मुख्यालय में गठित होने वाला प्रकोष्ठ केवल गुलदार के विषय पर वैज्ञानिक ढंग से अध्ययन करेगा।