
22 मई को आरंभ होगी पांचवें धाम श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा; 19 को रवाना होगा पहला जत्था
देहरादून, उत्तराखंड में पांचवें धाम के रूप में पहचान रखने वाले श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा 22 मई को आरंभ हो रही हैं। जिसके लिए पहला जत्था 19 मई को ऋषिकेश से रवाना होगा। श्री हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। इस साथ ही दर्शन करने वाले यात्रियों की सुविधाओं के लिए हेमकुंड साहिब ट्रस्ट की ओर से अपने सभी गुरुद्वारों, धर्मशालाओं और विश्रामस्थलों में रख-रखाव का कार्य शुरू कर दिया है। जत्थे के प्रस्थान करने से पूर्व दरबार हाल में कीर्तन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें कीर्तनीय रागी जत्थे तथा हेमकुंड साहिब गुरमत संगीत बाल विद्यालय के विद्याजिसमें निर्मल आश्रम, जयराम अन्न क्षेत्र, श्री भरत मंदिर, मधुबन आश्रम, नानकमत्ता गुरुद्वारा तथा सिंह सभा गुरुद्वारा के अध्यक्ष शामिल होंगे। हेमकुंड साहिब की यात्रा के शुभारंभ अवसर पर प्रमुख धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि भी शिरकत करेंगे। श्रद्धालुओं के लिए इस यात्रा को सुगम बनाने के लिए, हेमकुंड साहिब के ट्रस्टी, सेवादार और स्थानीय नागरिक जोरों-शोरों से तैयारियों में लगे हुए है।
कैसे पहुचें श्री हेमकुंड साहिब
जिला चमोली के हिमालय पर्वतमाला में समुद्र तल से 15,000 फुट से ऊपर की ऊंचाई पर स्थित श्री हेमकुंड साहिब सिख तीर्थयात्रा के एक लोकप्रिय केंद्र के रूप में उभरी है, जहाँ हर साल ग्रीश्मकाल में हजारों भक्तों घूमने आते है। हेमकुंड में अक्टूबर से अप्रैल तक बर्फ की वजह से जाना अत्यधिक दुर्गम है। हेमकुंड के लिए टेक-ऑफ प्वाइंट ऋषिकेश से 275 किलोमीटर दूर गोविंदघाट का शहर है। यहाँ से 13 किलोमीटर की दूरी पर घंगारिया गाँव तक पक्का रास्ता बना है। वहां एक और गुरुद्वारा है जहां तीर्थयात्री रात बिता सकते हैं। इसके अलावा वहाँ कुछ होटल तंबू और गद्दे के साथ एक कैम्प का ग्राउंड हैं यहाँ से 6 किलोमीटर की पत्थर के रास्ते पर एक 1,100 मीटर (3,600 फीट) की चढ़ाई हेमकुंड की ओर बढ़ती है। हेमकुंड में रात्री विश्राम की कोई व्यवस्था नही है इसलिए यह जरूरी है की दोपहर को 2 बजे तक निकल कर रात को गोविंदघाट वापस आया जा सके।