मंत्री बोले- नेतागिरी करने से काम नहीं चलेगा : राम विचार नेताम को महिलाओं ने घेरा, कहा- 500 करोड़ की ठगी हुई

admin

Sun, Jan 12, 2025

कोरबा.

कोरबा में कृषि मंत्री राम विचार नेताम को 500 महिलाओं ने घेर लिया। मंत्री एक सामाजिक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे। महिलाओं का कहना था कि उनके साथ फ्लोरा मैक्स कंपनी ने करीब 500 करोड़ की धोखाधड़ी की है। उन्होंने इसे लेकर सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही।

वहीं मंत्री रामविचार नेताम ने महिलाओं से कहा कि नेतागिरी करने या सड़क जाम करने से काम नहीं बनेगा। कानून को अपने हाथ में ना लें, जो भी इसमें दोषी हैं, जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। लोन लेने से पहले कंपनी के बारे में जानकारी ले लेनी थी। CM साय तक बात पहुंचा दी जाएगी। इस दौरान उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन भी मौजूद थे।

एक घंटे तक चलता रहा हंगामा

महिलाएं लोन को माफ करने की मांग कर रही थी। उनका कहना था कि जब तक उनकी समस्याओं का हल नहीं निकलता, वे मंत्री को यहां से जाने नहीं देंगी। हालांकि करीब 1 घंटे बाद समझाइश के बाद मंत्री को जाने दिया।

लोन दिलाकर कंपनी ने ठगा

दरअसल, 2022 में फ्लोरा मैक्स कंपनी ने महिला समूह के सदस्यों को बैंक से लुभावने बिजनेस लोन दिलाया। कंपनी ने वादा किया था कि लोन की किस्तें वह खुद जमा करेगी, लेकिन कुछ समय बाद में कंपनी ने लोन की किस्तें देना बंद कर दिया।

इसी बीच कंपनी से जुड़े कुछ लोग करोड़ों रुपए लेकर फरार हो गए। कंपनी भी बंद कर दी गई। अब बैंक वाले महिलाओं से कर्ज की वसूली के लिए दबाव बना रहे हैं, जिससे परेशान होकर वह लगातार चक्काजाम कर प्रदर्शन कर रही हैं।

पुलिस और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर आरोप

पीड़ित महिलाओं ने पुलिस और स्थानीय जनप्रतिनिधियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस और स्थानीय जनप्रतिनिधियों कंपनी में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया था, लेकिन कंपनी में ठगी की। वे बैंक की कर्जदार बन गई हैं, तो कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है।

कर्ज माफी की मांग पर अड़ी महिलाएं

करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी के मामले में कंपनी के मुख्य आरोपी जेल में बंद हैं। महिलाएं लोन माफी की मांग पर अड़ी हुई हैं। स्पष्ट कर चुकी हैं कि जब तक उनका लोन माफ नहीं होता, उनका आंदोलन करती रहेंगी।

जानिए आरोपियों ने कैसे की ठगी ?

आरोपी अखिलेश सिंह और उसके अन्य साथी फ्लोरा मैक्स सर्विस प्राइवेट लिमिटेड नाम से एक कंपनी चला रहे थे, जिसकी मुख्य शाखा कोरबा और दूसरी शाखा चांपा में खोली गई थी। कंपनी ने फर्जी स्कीम बताकर आम लोगों और महिला समूह के सदस्यों से 30-30 हजार रुपए जमा करवाए।

बदले में हर सदस्य को हर महीने 2700 रुपए देने का वादा किया। इसके अलावा कंपनी साड़ी, बर्तन, जूते, ज्वेलरी जैसे 35 हजार रुपए का सामान बेचने के लिए देती थी। सामान बेचने के बाद वे फिर से कंपनी में 35 हजार रुपए जमा करवाते थे। इसके बदले में सदस्यों को 35 रुपए कमीशन मिलता था।

कंपनी ने महिलाओं के नाम पर बैंक से लोन लिया था, लेकिन जब अनियमितताएं सामने आईं तो पुलिस प्रशासन ने कंपनी को सील कर दिया।

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